बेरोजगारी भत्ता(Berojgari Bhatta) के अंतर्गत भारत सरकार ऐसे पढ़े लिखे व्यक्तियों को आर्थिक मदद देगी जो अभी बेरोजगार है और निरंतर कोई रोजगार पाने का प्रयास कर रहे है। बेरोजगारी भत्ते के अंतर्गत ऐसे युवाओ को सरकार द्वारा मासिक 2500 रुपयों की आर्थिक मदद दी जाएगी इसके लिए व्यक्ति का बारहवीं पास होना जरुरी है और इसके लिए आयु सीमा 18 वर्ष से 40 वर्ष तक है । उनके पास उनका आय प्रमाण पत्र होना चाहिए।
बेरोजगारी के कारण:-
- आर्थिक तंगी और अर्थव्यवस्था की अस्थिरता एक वजह हो सकती है जो रोजगार की कमी को बढ़ाती है
- तकनीकी में वृद्धि के कारण, कई लोगों की पारंपरिक रूप से काम करने के तरीके बदल रहे है। ज्यादातर काम मशीनो के द्वारा लिए जा रहे है जिससे बेरोजगारी बढ़ सकती है।
- कुछ क्षेत्रों में तेजी से परिवर्तन और उच्च स्तर की तकनीकी विकास के कारण, कुशल श्रमिकों की कमी हो सकती है जो नौकरियों की मांग को पूरा करने में समस्या पैदा करती है।
- शैक्षिक असमानता: शिक्षा के अभाव और शैक्षिक असमानता भी बेरोजगारी का कारण बन सकते हैं, क्योंकि यह लोगों को अच्छी नौकरियों तक पहुंचने में बाधा डाल सकता है।
- व्यावसायिक शिक्षा की कमी: कुछ क्षेत्रों में उच्च गुणवत्ता वाली व्यावसायिक शिक्षा की कमी भी है, जो कुशल श्रमिकों की कमी का कारण बन सकती है।
बेरोजगारी के प्रभाव:-
- आर्थिक संकट:- बेरोजगारी में लोगो को आर्थिक खतरे का सामना करना पड़ सकता है। उन्हें रोज़गार की कमी के कारण आय कम होती है जिससे उनका आर्थिक स्थिति खराब हो सकती है।
- स्वास्थ्य समस्याएं:-बेरोजगारी की वजह से व्यक्ति मानसिक तनाव, चिंता और दुखी हो जाता है जिससे स्वास्थ्य से सम्भंदित समस्याए हो सकती है।
- नौकरी से वंचित रहना:- बेरोजगारी की वजह से व्यक्तियों को नौकरी से वंचित रहना पड़ सकता है, जिससे उनका करियर प्रभावित हो सकता है।
- निराशा और उदासीनता:- बेरोजगारी की वजह से लोगो में निराशा और उदासीनता की भावना हो सकती है, जो उनके स्वास्थ्य और जीवन गुणवत्ता को प्रभावित कर सकती है।
बेरोजगारी भत्ता के लाभ:-
- शिक्षा और प्रशिक्षण:- कुछ बेरोजगारी भत्ता योजनाएं व्यक्तियों को शिक्षा और प्रशिक्षण के लिए प्रोत्साहित करती हैं, जिससे उनके कौशल और क्षमताओं में सुधार होता है और वे बेहतर नौकरी के लिए योग्य होते हैं।
- आर्थिक मदद :- बेरोजगारी भत्ता आर्थिक सहयता प्रदान करता है और बेरोजगार लोगो को अपनी आर्थिक जरूरतों को पूरा करने में मदद करता है।
- स्वास्थ्य लाभ:- बेरोजगारी भत्ता निरोगी जीवनशैली को प्रोत्साहित करने के लिए संवेदनशीलता दिखाता है, जिससे व्यक्तियों का स्वास्थ्य भी सुधरता है।
- मानसिक समर्थन:- बेरोजगारी भत्ता सामाजिक और मानसिक समर्थन देता है क्योंकि यह लोगो को अपने आत्म-सम्मान और स्वाभिमान को स्थायी करने में सहायता करता है।
समाधान:-
- कौशल विकास:- शिक्षा और प्रशिक्षण के माध्यम से लोगों के कौशल को विकसित किया जाना चाहिए ताकि वे नयी और अच्छी नौकरियों के काबिल हो सकें।
- सामूहिक रोजगार योजनाएं:- सरकार को सामूहिक रोजगार योजनाओं को बढ़ावा देना चाहिए।
- स्थानीय व्यवसायों को समर्थन:- सरकार को स्थानीय व्यवसायों का समर्थन करना चाहिए ताकि वहाँ नौकरियों की समभावनए बढे।
- नौकरियों की समायोजन:- सरकार को नौकरियों की समायोजन में मुख्य भूमिका निभानी चाहिए जिससे सामाजिक और आर्थिक विकास को समर्थन मिले।
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